गड़रिया समाज से बाबा रामदेव जी ने मांगी  माफी

 


स्वामी बाबा रामदेव जी के फेसबुक ऑफिशियल अकाउंट पर एवं ट्विटर अकाउंट पर दिनांक 19 सितंबर को एक स्टेटमेंट दिया  जिसमें उन्होंने लिखा है



यह भारत देश सपेरों / गडरियो का देश नहीं है। यह देश वैज्ञानिकों का है। 



      बाबा रामदेव जी ने गडरिया समाज के ऊपर इस तरह से आपत्तिजनक टिप्पणी करके अपने पैरों में कुल्हाड़ी मार ली है।


जिससे देश में निवास करने वाले करोड़ों की तादाद में गडरिया समाज के मान सम्मान स्वाभिमान को ठेस पहुंची ! तो देश के हर कोने से बाबा के खिलाफ एक साथ एक समय मैं बुलंद तरीके से बाबा रामदेव का की बात का पुरजोर विरोध किया गया ।उसका नतीजा सभी के सामने है बाबा ने अपनी गलती मान कर माफी मांगी।
बाबा रामदेव जी ने कहा कि हम किसी जाति के नाम का भेदभाव नहीं करते। यदि किसी को हमारी बात से आहत हुआ है तो हम उसके लिए हम क्षमा प्रार्थी है। 


आखिर  मे बाबा रामदेव जी को क्षमा मांगना पडा। 
बाबा रामदेव जी ने अब अपने ट्यूट को रिट्वीट करके सफाई दे रहे। कि :
अंग्रेज हमारे देश को सपेरे गडरियो का देश का कह कर हमारा अनादर करते थे। 



   


फिर बाबा रामदेव जी दूसरा ट्यूट करते हैं जिसमें लिखते हैं
  सभी जातियों समान है सम्राट अशोक चंद्रगुप्त मौर्य माता अहिल्या बाई होलकर आल्हा ऊदल तानसेन भीमाबाई होलकर  आदि महान पुरुषों का राष्ट्र निर्माण में महान योगदान रहा। 



   



गड़रिया समाज ने जिस प्रकार से एकजुट होकर सोशल मीडिया पर बाबा रामदेव के खिलाफ जमकर विरोध किया काबिले तारीफ हैं। जिसका ये परिणाम है कि बाबा को गड़रिया समाज से माफ़ी मांग ना पड़ी।
  
                                                दिनेश पाल (संपादक)
                                                   8889363636



      


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