मध्यप्रदेश में अंगदान व्यवस्था अपनाने वाला एकमात्र शहर इन्दौर है। स्वयं के प्रयासों से इन्दौर में नोटा (नेशनल आर्गन एण्ड टिश्यु ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) के माध्यम से स्वीकृत डाक्टरों की टीम बनाई, जो ब्रोन डेड हुये व्यक्ति का परीक्षण करती है और अपनी रिपोर्ट देती है। उसके बाद उनके परिवार से सम्बन्धियों के माध्यम से चर्चा कर उनसे सहमति प्राप्त की जाती है। सहमति प्राप्त होने के बाद नोटा को इस सम्बन्ध में सूचना दी जाती है। नेशनल ऑर्गन ट्रांसप्लांट एसोसिएशन(नोटा) है, वहाँ ऑनलाइन रजिस्टर्ड जरूरतमंद व्यक्ति की सूची में प्राथमिकता के आधार पर उस व्यक्ति को ब्लड ग्रुप व अन्य बातें मिलान होने पर ऑर्गन डोनेशन (अंगदान) के बारे में सूचित किया जाता है।
इन सब बातों को पूर्ण करने पर ब्रोन डेड व्यक्ति का पूर्ण परीक्षण किया जाता है और स्वस्थ अंगों को सुरक्षित रखने के लिये डॉक्टरों की टीम लगातार परीक्षण करती रहती है। जहाँ और जिस शहर में अंग भेजे जाना होते हैं, वहाँ से डॉक्टरों की टीम अंग लेने के लिये आती है। अंगदान में सबसे उपयोगी “समय का प्रबंधन” होता है। समयबद्धता के साथ 2 घण्टे में प्रत्यारोपित होने वाले अंगों को पहुंचाना होता है। शहर में ग्रीन कोरिडोर बनाकर और दूसरे प्रदेशों में भेजने के लिये एयर ट्रैफिक कन्ट्रोल से सम्पर्क कर भेजा जाता है। मध्यप्रदेश का एक मात्र शहर है, जो अंगदान के लिये लगातार अभी तक 38 बार यह कार्य कर चुका है। 38 बार ग्रीन कोरिडोर बनाकर 119 अंगों को भेजा गया है और सफलतापूर्वक अंग प्रतिस्थापित किये गये हैं। इन्दौर की जनता का मुख्य योगदान है, जिसमें दान की प्रवृत्ति और सहयोग से यह भागीरथी कार्य पूर्ण हो रहा है। अंगदान के क्षेत्र में इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन का देश में अंगदान के क्षेत्र में तीसरा स्थान है। प्रथम स्थान चेन्नई, दूसरा स्थान मुंबई और तीसरा स्थान इंदौर का है। इंदौर में प्रतिवर्ष लगभग 20 ब्रोन डेड बॉडी डोनेट हो रही है, जिसका उपयोग न केवल अंगदान में बल्कि मध्यप्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल विद्यार्थियों के अध्ययन में काम में लिया जा रहा है। इंदौर जिले में इंदौर सोसायटी फॉर ऑर्गन डोनेशन, दधीचि संगठन, मुस्कान ग्रुप और एम.के.आई इंटरनेशनल के सहयोग से इंदौर जिले में पिछले 4 साल में 38 ग्रीन कोरिडोर बनाकर ब्रोन डेड व्यक्तियों के 91 अंग प्रत्यारोपित करने हेतु दिल्ली और मुंबई भेजे गये।
इंदौर शहर अंगदान के क्षेत्र में तीसरे नम्बर पर 4 साल में 38 ग्रीन कोरिडोर बनाकर ब्रोन डेड व्यक्तियों के 91 अंग प्रत्यारोपित ।