किसान आक्रोश आंदोलन को लेकर इंदौर जिला भाजपा की बैठक 

किसान आक्रोश आंदोलन को लेकर इंदौर जिला भाजपा की बैठक
इंदौर । भाजपा जिला अध्यक्ष अशोक सोमानी, जिला महामंत्री गुमानसिंह पंवार, चिन्टू वर्मा एवं जिला मीडिया प्रभारी मुकेश जरिया ने बताया कि भाजपा कार्यालय इंदौर पर उक्त विषय के संबंध में बैठक की शुरूआत भारत माता, पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर की गई।
संभागीय संगठन मंत्री जयपालसिंह चावड़ा ने कहा कि चुनाव के पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में मध्यप्रदेश के सभी किसानों का दो लाख रूपये तक का कर्जमाफ करने का वाचन दिया था लेकिन अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के वचन पर भी कांग्रेस सरकार खरी नहीं उतरी और उसने 10 महिने तक किसी भी किसान का 2 लाख रूपये का कर्जा माफ नहीं किया है। कर्जमाफी के धोके के कारण किसान पर दोहरी मार पड़ी है। कर्जमाफ हो जायेगा, इस उम्मीद में किसान ने कर्ज नहीं चुकाया, इसलिये वह डिफाल्टर हो गया है और उसे नया कर्ज नहीं मिल रहा है। परिणाम स्वरूप फसलों के लिये नया ऋण भी उसे नहीं मिल पा रहा है। इस निक्कमी सरकार के कारण किसान खाद,बीज जैसी आवश्यकता के लिये भी तरस गया है। 
सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश के किसान पर भारी वर्षा के कारण भीषण बाढ़ का कहर टूटा इस बाढ़ ने मध्यप्रदेश के 32 जिलों के किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर दिया। किसानों की सोयाबिन, मूंग, उड़द, कपास और मक्का जैसी खरीब की फसल जो खेतों में खड़ी थी वह पूरी तरह नष्ट हो गई और घर में रखा गेहूं सरसो, चना भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया। बाढ़ का कहर ऐसा था कि इन 32 जिलों के किसानों के मकान ढह गये और हजारों मवेशी भी बह गये। दुर्भाग्य से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को तो छोड़िए, किसी मंत्री ने भी बाढ़ पीड़ितों के बीच जाने की संवेदनशीलता नहीं दिखाई। इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी की बार-बार मांग के बावजूद बाढ़ पीड़ितों का सर्वे भी ठीक-ठाक नहीं किया गया। सर्वे में इतनी देर कर दी गई की किसान मजबूरन रबी फसल की जुताई करने लगा। परिणामतः अब उसकी नष्ट इुई खरीफ फसलों का सर्वे भी नहीं हो सकेगा। 
मध्यप्रदेश के इतिहास में ऐसे निकम्मी, नकारा और अमानवीय सरकार कभी नहीं देखी गई, जैसी आज है। किसानांं को धोखा दर धोखा देना ही इस सरकार के काम करने का तरीका है। भारतीय जनता पार्टी ने बाढ़ पीडित किसानों के लिये 40 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की मांग की है। जिसे सरकार को देना पड़ेगा।
जिला अध्यक्ष अशोक सोमानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जब से मध्यप्रदेश की सरकार आई है तभी से प्रदेश के किसानों पर उपेक्षा के बादल मंडराने लगे थे। कांग्रेस ने चुनाव से पहले जो वादे किये थे वह सभी वादांं से मुकर गई है। इतना ही नहीं बाढ़ की चपेट में आकर अपनी फसलों को पूरी तरह बर्बात होते देखने के बाद किसान असहाय और ठागा सा महसूस कर रहा है। पूरे 32 जिलों में बाढ़ की विभीषिका ने फसलों को चौपट कर दिया, लेकिन सरकार ने मुआवजा देने को छोडिए ठीक से सर्वे कराना भी आवश्यक नहीं समझा।
कर्जमाफी से धोके से जुझ रहे किसानों के लिये बाढ़ का कहर दुखों के पहाड़ जैसा साबित हुआ, लेकिन अंसवेदनशील सरकार के कानों पर जू तक नहीं रेंगी। उल्टे किसानों को अनाप शनाफ बिजली के बिल थमा दिये गये है। ये बिल उसी कांग्रेस की सरकार ने थमाये है जिसने चुनाव के पहले बिजली के बिजल हाफ करने का वादा किया था। पूरा मध्यप्रदेश जानता है कि भारतीय जनता पार्टी के शासन में किसानों का कल्याण प्राथमिकता के आधार पर किया जाता था। आज भी केन्द्र की सरकार किसानों के कल्याण के लिये अनेक योजनाएं लेकर आई है, जिनका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश में राजनैतिक विद्वेष के के कारण नहीं हो पा रहा है। इसलिये भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि हम किसानों की समस्यांओं को लेकर इस सरकार को चेन से नहीं बैठने देंगे।
किसान आक्रोश आंदोलन के दौरान हम बिजली के बिलों की होली जलायेंगे और कलेक्ट्रोरेट का घेराव भी करेंगे।
नगर अध्यक्ष गोपीकृष्ण नेमा ने कहा कि कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में गरीबों और किसानों के बिजली के बिल हाफ करने का वादा किया था, लेकिन सरकार बनते ही इस वादे को हवा में उड़ा दिया गया। उल्टे गरीब और किसानों को 10 से 20 गुना अधिक राशि के बिल थमाये जो रहे है। किसानों को खेती के लिये 12 घंटे तक निर्बाध बिजली दी जा रही थी उस बिजली का भी अब पता नहीं है। अनियमित बिजली कटोत्री से किसान परेशान है और उसके सामने खरीफ फसल की बर्बादी के बाद रबी की फसल के सुखने का खतरा खड़ा हो गया है। भारतीय जनता पार्टी पार्टी निरंतर 12 घंटे बिजली देने की मांग कर रही है। मध्यप्रदेश में जहां सर प्लस बिजली है वहां किसान के साथ यह बर्ताव क्यों किया जा रहा है समझ से परे है। भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मत है किसानों को जो अनाप-शनाप बिजली बिल थमाये जा रहे है। उन्हें नहीं भरा जायेगा, इसलिये हम किसानों के साथ बढ़े हुए बिजली के बिलों की होली भी किसान आक्रोश आंदोलन में जलायेंंगे।
बैठक को विधायक सुश्री उषा ठाकुर, डॉ. राजेश सोनकर, मनोज पटेल, गोपालसिंह चौधरी, कविता पाटीदार, उमानारायण पटेल, प्रेमनारायण पटेल ने भी बैठक को संबोधित किया।
बैठक में मुख्य रूप से कंचनसिंह चोहान, महेन्द्र ठाकुर, सुभाष महोदय, विष्णुप्रसाद शुक्ला, दयाराम चौधरी, घनश्याम शेर, श्रवण चावड़ा, रामस्वरूप गेहलोद, भारतसिंह आंजना, घनश्याम नारोलिया, दिनेश पटेल, कैलाश भांगडिया, गणेश मिश्रा, भगवान परमार, सुरेश जाट, लखन पटेल, सदाशिव पारिया, श्री सुनील तिवारी, श्री मनोज पाटीदार, धन्नालाल निनामा, सत्यनारायण पटेल, भरत आंजना, कैलाश भांगडिया, जालमसिंह सोलंकी, सुरेशसिंह धनखेडी, मुकेश पटेल, अंतरसिंह दयाल और चन्द्रशेखर चौधरी शामिल थे।
बैठक का संचालन गुमानसिंह पंवार ने किया आभार चिन्टू वर्मा ने माना।



    


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