नवरात्रि के आठवें दिन माँ के स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। इसी दिन लोग अपने घरों पर कन्या पूजन भी करते हैं। माना जाता है कि माँ महागौरी की उपासना करने से इंसान को पाप से मुक्ति मिलती है। सिर्फ यही नहीं महागोरी की पूजा करने से आर्थिक परेशानियां दूर हो जाती है ।
शास्त्रों की मानें तो महागौरी को आठवें दिन ही विवाह का वरदान मिला था। माँ के आशीर्वाद से भक्तों का वैवाहिक जीवन सुखी हो जाता है।
माँ महागौरी की चार भुजाएं है। माँ की एक भुजा अभय मुद्रा में हैं एक भुजा में त्रिशूल शोभा बढ़ाता है। एक भुजा में डमरू हैं जो सम्पूर्ण जगत का निर्वाहन करा रहा है और एक भुजा से देवी गौरी भक्तों को वरदान देती हैं।
माँ महागौरी की कथा-
माँ पार्वती जी ने शिवजी को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तप किया जिसके बाद उनका शरीर काला पड गया। भगवान महादेव उन पर प्रसन्न हुए और उन्हें पत्नी होने का आर्शीवाद प्रदान किया। भगवान शंकर ने इनके शरीर को गंगाजल से धोया जिसके बाद माँ गौरी का शरीर विद्युत के समान गौर व दैदीप्यमान हो गया। इसी कारण इनका नाम महागौरी पड़ा।
माँ महागौरी के मंत्र :
- श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
- या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।