रक्तदान "महादान" रक्तदान ना केवल रक्त लेने वाले के जीवन को बचाता है, बल्कि यह रक्त देने वाले को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।
इंदौर।
पत्रकार दिनेश पाल,
मौका दीजिये अपने खून को, किसी की रगों में बहने का,
ये लाजवाब तरीका है, कई जिस्मों में ज़िंदा रहने का…!!!!
रक्तदान महादान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हमे रक्त का महत्व समझ आता है।जब हम रक्त के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षित व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते है। तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुण्य कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।
रक्त दान से कितने व्यक्तियों के जीवन को भी बचाया जा सकता है। विश्व के इस सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में अभी भी बहुत से लोग यह समझते हैं कि रक्तदान से शरीर कमज़ोर हो जाता है। इतना ही नहीं यह ग़लतफहमी भी व्याप्त है कि नियमित रक्त देने से लोगों की रोगप्रतिकारक क्षमता कम होती है और उसे बीमारियां जल्दी जकड़ लेती है। यहाँ भ्रम इस तरह से फैला हुआ है कि लोग रक्तदान का नाम सुनकर ही कॉप उठते है।
# ब्लड की कमी का एकमात्र कारण जागरूकता का अभाव है।
# 18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं।
# ब्लड डोनेट करने योग्य लोगों में से अगर मात्र 3 प्रतिशत भी खून दें तो देश में ब्लड की कमी दूर हो सकती है। ऐसा करने से असमय होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
# ब्लड डोनेट करने से पहले व कुछ घंटे बाद तक धूम्रपान से परहेज करना चाहिए।
# ब्लड डोनेट करने वाले शख्स को रक्तदान के 24 से 48 घंटे पहले ड्रिंक नहीं करनी चाहिए।
# ब्लड डोनेट करने से पहले पूछे जाने वाले सभी प्रश्नों के सही व स्पष्ट जवाब देना चाहिए।