हरदा। कोरोना के भय के बीच भी पाल समाज का एक जोड़ा पवित्र बंधन में बंध गया। प्रशासन की अनुमति लेकर धूम-धड़ाके के बिना लॉक डाउन में शादी के सात फेरे लेना दूल्हा-दुल्हन सहित दोनों परिवारों को हमेशा याद रहेगा। महेंद्र गाँव निवासी हरिशंकर पाल जी के पुत्र राहुल पाल की शादी सिवनी मालवा वावई निवासी ओमप्रकाश पाल जी की पुत्री आरती पाल से बुधवार को लॉकडाउन के चलते सोशल डिस्टेंस तथा प्रशासन द्वारा तय किए गए अन्य नियमों के आधार पर संपन्न की गई। बारात में दूल्हे के साथ केवल छ: परिजन शामिल रहे। प्रशासन ने सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी थी। पाल समाज के वर-वधु समेत सीमित संख्या में मौजूद परिजनों ने चेहरे पर मास्क लगाया था। बारात में न तो बैंड-बाजे का शोर था और न ही मस्ती में झूम रही बरात। दूल्हे को मिलाकर छह लोग दुल्हन के घर पहुंचे। बारातियों के मुंह पर मास्क थे। दुल्हन के घर पहुंचने पर एक-दो लोगों ने बारात का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा। फेरों के वक्त भी पंडित को मिलाकर चार लोग शामिल रहे। बाकी सभी लोग दूर खड़े शादी समारोह का लुत्फ उठा रहे थे। कोरोना संकट के दौर में शर्तों के साथ सरकार ने शादियों को अनुमति दी है। लोग सरकार की एडवाइजरी का पालन कर रहे हैं। नियमों की अवहेलना न हो, इसके लिए बारात में छह लोग ही शामिल हो पाया। पाल गड़रिया समाज सेवा संस्थान इंदौर से जुड़े दूल्हे के बड़े भाई ब्रजेश पाल जी ने बताया कि इस समय सारा देश कोरोना से जूझ रहा है। ऐसे वक्त में सभी का फर्ज है कि सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन हो। ऐसे में साधारण तरीके से शादी की गई।
मुख्यमंत्री राहत कोष में दी विवाह में खर्च होने वाली राशि
इस विवाह के बाद राहुल पाल और आरती पाल ने अपने सामाजिक दायित्वों का निर्वाह भी भली-भांति किया। विवाह के पश्चात राहुल और आरती ने मुख्यमंत्री राहत कोष में ग्यारह हजार रुपए की सहायता राशि नगद हरदा कलेक्टर अनुराग वर्मा जी को दी। इस मौके पर कलेक्टर अनुराग वर्मा ने वर-वधू को बधाई व आशिर्वाद दिया।मुख्यमंत्री राहत कोष में दान देने के बाद दोनों के चेहरे पर आत्म संतुष्टि और खुशी के भाव स्पष्ट नजर आ रहे थे।