इंदौर पाल समाज ने देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र को पाठ्यक्रमों में शामिल करने की मांग की

 


इंदौर।


देवी अहिल्या बाई के व्यक्तित्व एवं कृतित्व की लोकप्रियता देश मे ही नही बल्कि पूरे विश्व मे फैली हुई है, इस बात का प्रमाण है, कि उनके समकालीन, कई अंग्रेजी लेखकों ने भी उनके कार्यो व निर्णयों की प्रशंसा अपनी पुस्तकों में की है। 


 


देवी अहिल्याबाई ने मालवा ही नही बल्कि देश के हर कोने में अपने सेवा कार्यों की छाप छोड़ी है। प्रजा के सुख को अपना सुख मानने वाली देवी अहिल्या बाई ने मंदिरों का जीर्णोद्धार, सड़कों का, विश्राम गृहों, बावड़ियों, कुओं, तीर्थ स्थलों पर घाटों, भूखों के लिए अन्न क्षेत्रों का निर्माण करवाया, उन्होंने महेश्वर को न चुनते हुए इंदौर को व्यापारिक राजधानी चुना, उनके पुण्य प्रताप से ही आज इंदौर, मालवा ही नही बल्कि मध्य भारत की व्यापारिक राजधानी बन गया है। 


 


पाल समाज के लोगों ने रेसीडेंसी कोठी में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ज्ञापन देकर देवी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र को नए शिक्षण सत्र में पाठ्यक्रम मे शामिल करने की मांग की है। ज्ञापन देते समय इंदौर पाल समाज के मन्नूराम पाल, वरुण पाल, अजय पाल, दीपक पाल सहित पाल समाज के अन्य लोग मोजूद थे।


समाज के युवा वरुण पाल बताया माता अहिल्याबाई के आदर्शों को जानकर मध्यप्रदेश के विद्यार्थि उनका अनुशरण करे।इसलिए मध्यप्रदेश के नए शिक्षण सत्र में देवी जी के महान प्रशासकिय निर्णयों, विकास कार्यों एवम सदाचरण के चरित्रों को शामिल किया जाना चाहिए।


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