नई दिल्ली। पूरे देश मे आज करगिल दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। करगिल युद्ध भारतीय सेना के साहस और जांबाजी की ऐसी मिसाल है, जिस पर हमारे देश को गर्व है। कंपाती सर्दी में करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर करगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने अपने 527 से ज्यादा वीर योद्धाओं को खोया था, जबकि 1300 से ज्यादा देश के लिए लड़ते हुए जख्मी हुए थे।
पाकिस्तान ने इस जंग की शुरूआत 3 मई 1999 को करते हुए करगिल की ऊंची पहाड़ियों पर 5,000 सैनिकों के साथ घुसपैठ की थी और वहां कब्जा जमा लिया था। इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन विजय चलाया। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया। इसके बाद जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था, वहां बम गिराए गए। इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया।
करगिल युद्ध में लड़ाई के दौरान करीब ढाई लाख गोले दागे गए, 5,000 से ज्यादा बम फायर करने के लिए 300 से ज्यादा मोर्टार, तोपों और रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। कहा जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद करगिल युद्ध ही ऐसा युद्ध था जिसमें दुश्मन देश की सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी।